Cím | Szerző | Oldalszám | Kieg.adatok | Megjegyzés | Tárgyszavak |
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O lieb, so lang du lieben kannst R. 589 : Ó, szeress (R. 589 ) | [vers] Ferdinand Freiligrath | | | | |
Es muss ein Wunderbares sein R. 590 : Mily szép, mily földöntúli szép (R. 590 ) | [vers] Oscar von Redwitz | | | | |
Die Loreley R. 591 | [vers] Heinrich Heine | | | | |
Angiolin dal biondo crin R. 593 | [vers] Marchese Cesare Bocella | | | | |
Im Rhein, im schönen Strome R. 567 | [vers] Heinrich Heine | | | | |
La tombe et la rose R. 573 : Szól a sír a rózsaszálnak (R. 573 ) | [vers] Victor Hugo | | | | |
Le vieux vagabond R. 565 | [vers] Pierre Jean de Béranger | | | | |
Gastibelza R. 574 | [vers] Victor Hugo | | | | |
Hohe Liebe R. 587 : Magasztos szerelem (R. 587 ) | [vers] Ludwig Uhland | | | | |
Gestorben war ich R. 588 : Halált vártam én (R. 588 ) | [vers] Ludwig Uhland | | | | |
Wie singt die Lerche schön R. 595 | [vers] August Heinrich Hoffmann von Fallersleben | | | | |
Kling leise, mein Lied R. 580 : Csengj halkan (R. 580 ) | [vers] Johannes Nordmann | | | | |
Es rauschen die Winde R. 596 | [vers] Ludwig Rellstab | | | | |
Ein Fichtenbaum steht einsam R. 599 : Egy vén fenyő áll árván... (R. 599 ) | [vers] Heinrich Heine | | | | |
Schwebe, schwebe, blaues Auge R. 581 | [vers] Franz von Dingelstedt | | | | |
Die Vätergruft R. 601 : Az ősi sírbolt (R. 601 ) | [vers] Ludwig Uhland | | | | |
Anfangs wollt' ich fast verzagen R. 602 | [vers] Heinrich Heine | | | | |
Lasst mich ruhen R. 604 | [vers] August Heinrich Hoffmann von Fallersleben | | | | |
In Liebeslust R. 605 | [vers] August Heinrich Hoffmann von Fallersleben | | | | |
Ich möchte hingehn R. 606 | [vers] Georg Herwegh | | | | |
Du bist wie eine Blume R. 607 : Oly bájos és oly szép (R. 607 ) | [vers] Heinrich Heine | | | | |
Vergiftet sind meine Lieder R. 608 : Te mérget öntsz minden dalba (R. 608 ) | [vers] Heinrich Heine | | | | |
Morgens steh' ich auf und frage R. 576 | [vers] Heinrich Heine | | | | |
Wer nie sein Brot mit Tränen ass R. 609 : Ki még nem sírt... (R. 609 ) | [vers] Johann Wolfgang von Goethe | | | | |
Über allen Gipfeln ist Ruh R. 610 | [vers] Johann Wolfgang von Goethe | | | | |
Der du von dem Himmel bist R. 568 | [vers] Johann Wolfgang von Goethe | | | | |
Drei Lieder aus Schillers "Wilhelm Tell" R. 582 : Der Fischerknabe ; Der Hirt ; Der Alpenjäger : Három dal Schiller "Tell Vilmos"-ából (R. 582 ; A halászfiú ; A pásztor ; Az alpesi vadász ) | [vers] Friedrich von Schiller | | | | |
Die drei Zigeuner R. 612 : A három cigány (R. 612 ) | [vers] Nikolaus Lenau | | | | |
Die stille Wasserrose R. 613 | [vers] Emanuel Geibel | | | | |
Wieder möcht' ich dir begegnen R. 6l4 | [vers] Peter Cornelius | | | | |
Blume und Duft R. 616 | [vers] Friedrich Hebbel | | | | |
J'ai perdu ma force et ma vie R. 620 | [vers] Alfred de Musset | | | | |
Ihr Glocken von Marling R. 621 | [vers] Emil Kuh | | | | |
Des Tages laute Stimmen schweigen R. 633 | [vers] Ferdinand von Saar | | | | |
Oh! quand je dors R. 569 : Ha álmom mély (R. 569 ) | [vers] Victor Hugo | | | | |
Comment, disaient-ils R. 570 : Hogy is,-töprengtek ők (R. 570 ) | [vers] Victor Hugo | | | | |
Enfant, si j'étais roi R. 571 : Ha én király volnék (R. 571 ) | [vers] Victor Hugo | | | | |
S'il est un charmant gazon R. 572 | [vers] Victor Hugo | | | | |
Der traurige Mönch R. 656 | [vers] Nikolaus Lenau | | | | |
Tre sonetti di Petrarca R. 578 : Három Petrarca szonett (R. 578 ) | [vers] Francesco Petrarca | | | | |